प्रदेश में निर्वाचित पंचायतों का कार्यकाल माह मार्च 2020 में समाप्त होने जा रहा है। कार्यकाल समाप्त होने के दिनांक से मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 87(3) (ख) अनुसार वैकल्पिक व्यवस्था होने तक ग्राम पंचायतों के खातों का परिचालन एवं आहरण संवितरण पर संरपंचों के हस्ताक्षर से किए जाने पर पाबंदी लगाई जाएं। साथ ही संबंधित समस्त बैंकों एवं अन्य संस्थाओं को तत्संबंधी सूचना दें। इस आशय के निर्देश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के उप सचिव एसआर चौधरी ने समस्त जिला कलेक्टर्स को दिए है। उन्होंने कहा कि मप्र पंचायत राज एवं ग्रामस्वराज अधिनियम 1993 के अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत अपने प्रथम सम्मिलित के लिए नियत तारीख से 5 वर्ष तक के लिए बनी रहेगी और इससे अधिक नहीं। साथ ही अधिनियम की धारा 20(3) के प्रावधान लागू होंगे। मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 66 की उपधारा 4 (एफ) के प्रावधान अनुसार ग्राम पंचायत मामले में सरपंच तथा सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से खातों से राशि के आहरण का प्रावधान है।
मार्च माह 2020 मे होगा सरपंच का कार्य काल समाप्त